भारत मे लोकप्रिय स्थान
इस धरती पर ना जाने कितनी खूबसूरत जगहें हैं और उन में से एक देश ऐसा भी है। जहां आपका जाने का मन बार बार करेगा।यह देश भारत है जहाँ संस्कृतियों से संबंधित कई सारे लोकप्रिय स्थान हैं। यह स्थान ऐसे भी हैं जहाँ बाहर अन्य देशों से भी लोग घूमने आते हैं। कई जगह तो ऐसे भी हैं जो अपने आप मे कुछ अहम भूमिका अदा करते हैं।आइए जानते हैं वह कौन से जगह प्रसिद्ध हैं।
1- ताजमहल (आगरा उत्तर प्रदेश)
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा शहर मे स्थित एक विश्व धरोहर मकबरा और विश्व के 7 अजूबों मे से एक है। इसका निर्माण 17 वीं सदी मे मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद मे बनवाया था। ताजमहल को भारत की इस्लामी कला का रत्न भी घोषित किया गया है।ताजमहल के निर्माण में लगभग 22 वर्षों का समय लगा।
पूर्व में इस जमीन पर राजपुताना राज्य अंतर्गत जयपूर के महाराजा जयसिंह का आलीशान महल था। महाराजा शाहजहाँ ने इसके बदले जयपुर के महाराजा जयसिंह को आगरा शहर के मध्य एक वृहत महल दिया था। लगभग तीन एकड़ के क्षेत्र को खोदा गया, एवं उसमें कूडा़ कर्कट भर कर उसे नदी सतह से पचास मीटर ऊँचा बनाया गया, जिससे कि सीलन आदि से बचाव हो पाए। मकबरे के क्षेत्र में, पचास कुँए खोद कर कंकड़-पत्थरों से भरकर नींव स्थान बनाया गया।
चारमीनार ("चार मीनार"), 1591 में निर्मित, भारत के हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित एक स्मारक और मस्जिद है। यह विश्व स्तर पर हैदराबाद के प्रतीक के रूप में जाना जाता है और भारत में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त संरचनाओं में सूचीबद्ध है। चारमीनार के लंबे इतिहास में 400 से अधिक वर्षों के लिए इसकी शीर्ष मंजिल पर एक मस्जिद का अस्तित्व शामिल है। ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण, यह संरचना के आसपास के लोकप्रिय और व्यस्त स्थानीय बाजारों के लिए भी जाना जाता है, और हैदराबाद में सबसे अधिक बार आने वाले पर्यटक आकर्षणों में से एक बन गया है। चारमीनार मुसी नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। इसके पश्चिम में लाद बाज़ार स्थित है, और दक्षिण पश्चिम में सबसे समृद्ध ग्रेनाइट वाला मक्का मस्जिद है।चारमीनार एक चौकोर संरचना है। जिसकी हर एक वर्ग 20 मीटर (लगभग 66 फुट) लंबा है। प्रत्येक वर्ग के पास चारों में से एक भव्य मेहराब है। तथा प्रत्येक ऐसे मुख्य बिंदुओं के सामने है जो सीधा अपने सामने वाली सड़क के सामने खुलते हैं। प्रत्येक कोने पर एक उत्कृष्ट आकार मीनार, 56 मीटर उंचा (लगभग 184 फुट) एक डबल छज्जे के साथ खड़ा है। प्रत्येक मीनार आधार पर डिजाइन की तरह मिठाइयां पत्ती के साथ एक बल्बनुमा गुंबद द्वारा ताज पहनाया है।
क़ुतुब मीनार भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली भाग में स्थित, ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। यह दिल्ली का एक प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। अफ़गानिस्तान में स्थित, जाम की मीनार से प्रेरित एवं उससे आगे निकलने की इच्छा से, दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक क़ुतुबुद्दीन ऐबक, ने सन ११९३ में आरंभ करवाया, परंतु केवल इसका आधार ही बनवा पाया। उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया और सन १३६८ में फीरोजशाह तुगलक ने पाँचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई । मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जिस पर कुरान की आयतों की एवं फूल बेलों की महीन नक्काशी की गई है।क़ुतुब मीनार लाल और बफ सेंड स्टोन से बनी भारत की सबसे ऊंची मीनार है।
हवा महल भारतीय राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक राजसी-महल है। इसे सन 1799 में राजस्थान जयपुर बड़ी चौपड़ पर महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था और इसे किसी 'राजमुकुट' की तरह वास्तुकार लाल चंद उस्ताद द्वारा डिजाइन किया गया था। इसकी अद्वितीय पाँच-मंजिला इमारत जो ऊपर से तो केवल डेढ़ फुट चौड़ी है, बाहर से देखने पर मधुमक्खी के छत्ते के समान दिखाई देती है, जिसमें 953 बेहद खूबसूरत और आकर्षक छोटी-छोटी जालीदार खिड़कियाँ हैं, जिन्हें झरोखा कहते हैं। इन खिडकियों को जालीदार बनाने के पीछे मूल भावना यह थी कि बिना किसी की निगाह पड़े "पर्दा प्रथा" का सख्ती से पालन करतीं राजघराने की महिलायें इन खिडकियों से महल के नीचे सडकों के समारोह व गलियारों में होने वाली रोजमर्रा की जिंदगी की गतिविधियों का अवलोकन कर सकें। इसके अतिरिक्त, "वेंचुरी प्रभाव" के कारण इन जटिल संरचना वाले जालीदार झरोखों से सदा ठण्डी हवा, महल के भीतर आती रहती है, जिसके कारण तेज गर्मी में भी महल सदा वातानुकूलित सा ही रहता है।
किले को "लाल किला", इसकी दीवारों के लाल-लाल रंग के कारण कहा जाता है। इस ऐतिहासिक किले को वर्ष २००७ में युनेस्को द्वारा एक विश्व धरोहर स्थल चयनित किया गया था।भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किला (Lal Kila) देश की आन-बान शान और देश की आजादी का प्रतीक है। मुगल काल में बना यह ऐतिहासक स्मारक विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है और भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। लाल किला के सौंदर्य, भव्यता और आर्कषण को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग आते हैं और इसकी शाही बनावट और अनूठी वास्तुकला की प्रशंसा करते हैं।यह शाही किला मुगल बादशाहों का न सिर्फ राजनीतिक केन्द्र है बल्कि यह औपचारिक केन्द्र भी हुआ करता था, जिस पर करीब 200 सालों तक मुगल वंश के शासकों का राज रहा। देश की जंग-ए-आजादी का गवाह रहा लाल किला मुगलकालीन वास्तुकला, सृजनात्मकता और सौंदर्य का अनुपम और अनूठा उदाहरण है।
1648 ईसवी में बने इस भव्य किले के अंदर एक बेहद सुंदर संग्रहालय भी बना हुआ है। करीब 250 एकड़ जमीन में फैला यह भव्य किला मुगल राजशाही और ब्रिटिशर्स के खिलाफ गहरे संघर्ष की दास्तान बयां करता हैं। वहीं भारत का राष्ट्रीय गौरव माने जाना वाला इस किले का इतिहास बेहद दिलचस्प है।
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